मेरठः प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज मेरठ डॉ आर सी गुप्ता की अध्यक्षता में वायरल हेपिटाइटिस बी एवं सी के इलाज संबंधित मासिक बैठक की गई।
राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत वायरल हेपिटाइटिस डायग्नोसिस एवं मैनेजमेंट की इस बैठक में मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर आभा गुप्ता ने लीवर की अत्यधिक जांच के विषय में बताया साथ ही साथ उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस के विशेष मरीज जैसे एचआईवी से संक्रमित मरीज गर्भवती महिलाओं आदि के उपचार के विषय में विशेष ध्यान देना चाहिए
डॉ अमित गर्ग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने वायरल हेपिटाइटिस की अत्यधिक जांच एवं सुविधाओं के बारे में बताया।
मेडिकल कॉलेज मेरठ के हेपेटाइटिस मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर के प्रभारी डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि देश में हेपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम को विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई के दिन 2018 में शुरू किया इस उद्देश्य के साथ की 2030 तक हम इस बीमारी से अपने देश को मुक्त कर लेंगे.
हेपेटाइटिस के लक्षण
भूख का कम शरीर में कमजोरी लगना आंखें वह पेशाब तथा त्वचा का रंग पीला होना मछली आना हल्का बुखार होना सर एवं पेट में दर्द का रहना जोड़ों में दर्द रहना आदि है
हेपेटाइटिस बी एवं सी का संक्रमण कैसे फैलता है
किसी संक्रमित मरीज में उपयोग में किए गए इंजेक्शन अथवा सिरिंज का पुनः उपयोग, इंजेक्शन की सैयां का साझा किया जाना नीडल द्वारा शरीर पर टैटू बनवाना शारीरिक अंग जैसे नाक कान व अन्य अंगों को भेजने के लिए संक्रमित सुई का उपयोग करना रेजर ब्लेड नेल कटर टूथब्रश आदि का साझा करना असुरक्षित समलैंगिक अथवा विषम लैंगिक यौन संबंध बनाना, संक्रमित रक्त एवं रक्त उत्पादन का संचार, डायलिसिस आदि।
हेपेटाइटिस बी के संक्रमण का माँ से शिशु को संरचरण –
स्त्री एवं प्रसूति विभाग की आचार्य डॉक्टर अरुणा वर्मा ने बताया कि
सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस बी की जांच अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर करनी चाहिए एवं धनात्मक पाई गई गर्भवती महिलाओं को प्रसव केंद्र पर ही कराना चाहिए तथा नवजात शिशु को जन्म के 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी के पहले टीका की खुराक दिया जाना अनिवार्य है क्योंकि धनात्मक गर्भवती महिलाओं से बच्चों में हेपेटाइटिस के संचरण का खतरा बना रहता है।
भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी जिला मुख्यालय पर ट्रीटमेंट सेंटर को जिला अस्पतालों में स्थापित किया गया तथा सरकारी मेडिकल कॉलेज को मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर बनाया गया।
सभी जिला अस्पतालों एवं मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर पर सभी जांच एवं दवाएं निशुल्क उपलब्ध हैं
पैथोलॉजी विभाग की आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को हेपेटाइटिस का लक्षण है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें तथा जांच कराये।
पैथोलॉजी विभाग में लिवर की बीमारियों से संबंधित सभी जांच जैसे एसजीपीटी ऐस ज़ी ओटी एवं बिलिरूबीन की जांच करनी चाहिए।
मेडिसिन विभाग की सहायक आचार्य डॉ रचना सोमवाल ने वायरल हेपिटाइटिस की वैक्सीनेशन के बारे में बताया।
इस कार्यक्रम के दौरान सोशल एवं प्रीवेंटिव मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ सीमा जैन, डॉ नीलम सिद्धार्थ एनाटॉमी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंहा, मेडिसिन विभाग की आचार्य डॉक्टर योगिता सिंह, डॉ पंकज कुमार, डॉ धर्मिष्ठा शर्मा , फार्मेसी विभाग के सहायक आचार्य डॉ राहुल सिंह
पैथोलॉजी विभाग की सह आचार्य डॉक्टर दीपाली मित्तल,वेब मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डॉक्टर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने डॉ अरविंद कुमार एवं मेडिसिन विभाग को बधाई दी।
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