Total Views: 52

खबर आ रही है कि इलाहाबाद के किसी परिवार-नियोजनी जंगली नक्सली पर यूपी-एटीएस ने शिकंजा कसा है। जनता के नाम पर इनके पास चार लोग नहीं, मानो नसबंदी करवाए हुए संगठन-नेता हों और राज्य मशीनरी है कि इन्हीं के पीछे पिली रहती है। जबकि चंदाखोर मैदानी माओवादी मजे से जलेबी चाँप रहे हैं और वह भी शुद्ध देसी घी की।
लाला और उसका लंगड़ा लौंड़ा तो घोषित तौर पर माओवाद का प्रचारक है पर उसको तो कोई पूछता नहीं। कारण अल्लामियाँ ही जानें।
————————————-
प्रधान संपादक की कलम से

 

Leave A Comment