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गौतम बुद्ध की करुणा, मैत्री और शांति का संदेश लेकर हमारी यात्रा ‘चरथ भिक्खवे’ पुनः आपके समक्ष प्रस्तुत हो रही है। यह साहित्यिक-सांस्कृतिक यात्रा, बौद्ध परिपथ के माध्यम से, 15 से 25 अक्टूबर 2024 तक सारनाथ से शुरू होकर बोध गया,नालंदा, राजगीर,पटना, वैशाली, केसरिया,कुशीनगर, लुंबिनी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, अयोध्या, कौशांबी से होते हुए, वापिस सारनाथ तक, सम्पूर्ण बौद्ध धम्म के प्रकाश से समूची मानवता को आलोकित करने के लिए हो रही है।

बुद्ध की शिक्षाओं ने सदियों से हमें इस अंधकारमय दुनिया में प्रेम, शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाया है। आज, जब मानव सभ्यता अनेक संघर्षों और हिंसा से जूझ रही है, बुद्ध की वाणी का यह संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है। यात्रा का उद्देश्य बुद्ध के पदचिन्हों पर चलते हुए विचारों, संस्कृति और साहित्य के जरिए मानवता के हित में संवाद करना है।इस यात्रा में कई जाने-माने कवि, लेखक, कलाकार, इतिहासकार और समाजविज्ञानी सम्मिलित हो रहे हैं। हम आपको भी सादर आमंत्रित करते हैं कि इस महत्वपूर्ण यात्रा का हिस्सा बनें, ताकि बुद्ध के विचार संवेदन को जन-जन तक पहुँचाकर विश्व में शांति की प्रतिष्ठा की जा सके।

आप इस यात्रा में सहयोग कर सकते हैं:
* यात्रा में किसी मोड़ पर पहुँच कर और भाग लेकर विभिन्न स्थलों पर हमारे साथ जुड़ सकते हैं।
* विचारों का प्रसार : इस यात्रा के उद्देश्य और संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाकर।
* आर्थिक सहयोग देकर।

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