वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के वाणिज्य संकाय में डिबेटिंग सोसायटी “संवाद” द्वारा वार्षिक वाद-विवाद प्रतियोगिता “विचार मंथन” का दूसरा संस्करण सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस बार का विषय था:
“क्या भारतीय स्टार्टअप्स को टिकाऊ आर्थिक विकास के लिए Deep Tech नवोन्मेष को प्राथमिकता देनी चाहिए, गिग इकोनॉमी सेवाओं के बजाय?”

कार्यक्रम में छात्रों ने पक्ष और विपक्ष में अपनी दलीलों के साथ तेजतर्रार तर्क प्रस्तुत किए, जिसमें उनकी क्रिटिकल थिंकिंग, समस्या-समाधान क्षमता और वक्तृत्व कौशल की झलक साफ दिखी।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. एच.के. सिंह (डीन, वाणिज्य संकाय) और डॉ. वंदना श्रीवास्तव (संवाद संयोजक) के मार्गदर्शन में हुआ।
विजेताओं को सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित किया गया, जो मुख्य अतिथियों — डॉ. राजीव सिकरोरिया, प्रो. डी साहू, डॉ. मीनाक्षी सिंह और डॉ. वंदना श्रीवास्तव — के करकमलों द्वारा प्रदान किए गए।

डॉ. सिकरोरिया ने छात्रों को डीप टेक्नोलॉजी और भविष्य के करियर विकल्पों पर मार्गदर्शन दिया, जबकि प्रो. डी साहू ने गिग इकोनॉमी और डीप टेक के बीच संतुलन बनाने की सलाह दी।
डॉ. वंदना श्रीवास्तव ने आयोजन में शामिल सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने धन्यवाद भाषण में टीम के परिश्रम को सराहा और अक्षय तृतीया के शुभ अवसर का विशेष उल्लेख किया।

विचार मंथन” ने न केवल वाणिज्य संकाय में बौद्धिक विमर्श को बढ़ावा दिया, बल्कि छात्रों में नवाचार और नेतृत्व क्षमता को भी नई दिशा दी। कार्यक्रम की सफलता में संवाद टीम और संकाय सदस्यों का योगदान सराहनीय रहा।

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