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लखनऊः लोक प्रशासन विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय एवं कंज्यूमर वाइस के संयुक्त तत्वावधान में “गैर जिम्मेदाराना शराब पीने का प्रतिकूल प्रभाव” नामक विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित किया गया।
गैर-जिम्मेदाराना शराब पीने की समस्या को दूर करने के लिए एक सक्रिय प्रयास में, कंज्यूमर वॉयस ने लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया। प्रतिष्ठित डीपीए हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य ऐसे व्यवहार के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाधान के रूप में जिम्मेदाराना उपभोग को बढ़ावा देना था।
कंज्यूमर वॉयस दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले श्री हेमंत उपाध्याय ने लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एनएल भारती का गर्मजोशी से स्वागत करके कार्यवाही की शुरुआत की। प्रोफेसर भारती को इस मुद्दे के लिए उनके दृढ़ समर्थन के लिए अन्य सम्मानित संकाय सदस्यों, डॉ. वैशाली सक्सेना ,डॉ. एस एस चौहान और डॉ. श्रद्धा चंद्रा के साथ गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया।

श्रोताओं को संबोधित करते हुए, श्री हेमंत उपाध्याय ने गैर-जिम्मेदाराना शराब पीने की गंभीरता पर प्रकाश डाला और इसे संबोधित करने के लिए एक सूक्ष्म दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने इस समस्या से निपटने में समाज और व्यक्तियों की साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया और व्यक्तियों और समुदायों पर अत्यधिक शराब पीने के बहुआयामी प्रभाव को रेखांकित किया।

कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी संबंधित विषयों पर बहुमूल्य जानकारी दी। ट्रैफिक इंस्पेक्टर राधे श्याम ने नशे में गाड़ी चलाने के मुद्दों और कानूनी निहितार्थों पर चर्चा की, जबकि डॉ. प्रवेश द्रिवेदी ने शराब की लत के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक प्रभावों की खोज की। एसोचैम उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने भी शराब की लत पर अपने विचार साझा किए और उसके बाद छात्रों के सवालों का जवाब दिया।

प्रोफेसर एनएल भारती ने छात्रों के बीच जागरूकता के महत्व और शैक्षणिक समुदाय के भीतर जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए एक आकर्षक समापन भाषण दिया। कंज्यूमर गिल्ड के अभिषेक श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों को उनके अमूल्य योगदान के लिए हार्दिक धन्यवाद देते हुए सत्र का समापन किया।

यह कार्यक्रम जिम्मेदार उपभोग की संस्कृति को बढ़ावा देने और भावी पीढ़ियों की भलाई की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने और छात्रों की भलाई के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को उजागर किया।इस कार्यक्रम में शोधार्थीयों,स्नातक एवम लोक प्रशासन तथा अस्पताल प्रशासन के परस्नातक छात्र एवम छात्राओं ने भाग लिया

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