Total Views: 650
  • 2024 के सामान्य चुनावों से पहले पटना में पटना घोषणा पत्र जारी की गई, जिसमें पैकेजिंग खाद्य पदार्थों पर स्पष्ट चेतावनी वाला फ्रंट ऑफ़ पैकेज लेबलिंग के लिए छह-बिंदु मांग की गई थी, जो उपभोक्ताओं को पैकेट में अधिक चीनी, नमक और वसा तत्वों के बारे में आगाह करेगा|
  • विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने पटना घोषणा का विमोचन करके, अपने संबंधित दलों के आगामी चुनावी घोषणापत्रों पर हस्ताक्षर करके इन मांगों को शामिल करने का वादा किया।
  • भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय लोक जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), लोकतांत्रिक जनता दल, बिहार महिला सभा और वाजिव अधिकार पार्टी, जैसे सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने इस संवाद में शामिल रहे।

पटना, 7 फरवरी, 2024: आज, पटना के कस्तूरबा गाँधी सभागार, गाँधी संग्रहालय में मानवाधिकार जननिगरानी समिति, पीपल, आल इंडिया हॉकर्स फोरम, बंदी अधिकार आन्दोलन, और इंडियन रोटी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में गैर-संचारी रोगों, कुपोषण, और मोटापे से मुक्ति दिलाने के लिए चेतावनी वाला फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग की मांग को लेकर जन संवाद का आयोजन किया गया।

जनसंवाद की विषयवस्तु रखते हुए, मानवाधिकार जननिगरानी समिति के संस्थापक और संयोजक डॉ लेनिन रघुवंशी ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के नवीनतम आंकड़ों को बताया। उन्होंने देश के भविष्य बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कहा कि FOPL को लाने के लिए हम लोगों ने लगातार विभिन्न हितधारकों को इस मुद्दे से अवगत किया है। अब तक, 12 माननीय संसद सदस्य और 3 विधायकों ने समर्थन पत्र माननीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजा है। लगभग 4835 लोगों ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण को पत्र लिखकर इंडियन न्यूट्रीशन रेटिंग (स्टार रेटिंग) की जगह चेतावनी वाला FOPL की मांग की है।

राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री जीतेन्द्र नाथ राय जी में कहा की यह मांग देश के भविष्य “बच्चों” के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है| जितना इस विनियम को ससमय लाना जरुरी है साथ में ही उतना जन जागरूकता की जरुरत है| जहाँ भी इस मुद्दों को समर्थन करने की जरुरत होगी वहां हम लोग उपस्थित रहेंगे|

कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव श्री राम बाबु जी ने कहा आज शायद ऐसा कोई घर होगा जहां पैक्ड फूड न इस्तेमाल हो रहा हो| लगातार देश में बढ़ रहे गैर संचारी रोगों, कुपोषण और मोटापे को नाकरा नहीं जा सकता| हम अपने पार्टी के आगामी आम चुनाव के इलेक्शन मैनिफेस्टो में इसपर चर्चा करेंगे|

इसके पश्चात सभी राजनैतिक दल के प्रतिनिधियो ने पटना घोषणा पत्र का विमोचन किया करके घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करके अपना समर्थन दिया| सभी प्रतिनिधियों ने , अपने संबंधित दलों के आगामी चुनावी घोषणापत्रों पर हस्ताक्षर करके इन मांगों को शामिल करने का वादा किया।

भारतीय जनता पार्टी से सदस्य विधान परिषद् श्री संजय पासवान एवं प्रदेश सचिव श्री चंद्रेश सिंह, जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के श्री जहाँगीर खान, पूर्व सांसद के श्री अली अनवर जी, श्री लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रदेश महासचिव संजय पासवान, बिहार महिला सभा सुश्री रिंकू कुमारी, असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (बिहार) के श्री डॉ अमित कुमार पासवान, जन स्वराज के प्रो० अरुण कुमार सिंह, बिहार इलेक्शन वाच, एनएपीएम्, किसान महासभा व नागर समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे|

 

डॉ. लेनिन रघुवंशी

मानवाधिकार जननिगरानी समिति

संपर्क नंबर: 9935599333

 

इरफ़ान अहमद फातमी

आल इंडिया होकेर्स फोरम

+91 94314 54109

 

संतोष उपाध्याय

बंदी अधिकार आंदोलन

+91 82521 98690
——————————————-

 

 

पटना घोषणा पत्र

2024 के आमचुनाव में राजनीतिक दलों के घोषणापत्रों के लिए नागरिक समाज की सिफारिशें

मोटापे और गैर -संचारी रोगों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, यकृत की विकृति, गुर्दे की विकृति और विभिन्न हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ते जोखिमों से लाखों भारतीय बच्चों, युवाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा के लिए, हम नागरिक समाज संगठन, राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में शामिल करने के लिए निम्नलिखित सिफारिशों को शामिल करने का आग्रह करते हैं:

  1. मजबूत, विज्ञान-आधारित फ्रंट-ऑफ-पैक लेबल (एफओपीएल) विनियमन का कार्यान्वयन: एक मजबूत एफओपीएल विनियमन, वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित और प्रभावी ढंग से लागू करने योग्य, एक चेतावनी लेबल को इसके डिजाइन के रूप में शामिल करते हुए, घोषित, अधिसूचित और निष्पादित किया जाएगा। इस उपाय का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सूचित विकल्प चुनने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने में सशक्त बनाना है।
  2. अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की पहचान: विनियमन को अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत और अति-प्रसंस्कृत पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की पहचान की सुविधा प्रदान करनी चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं को उन उत्पादों को पहचानने और चुनने की अनुमति मिल सके, जो वास्तव में स्वास्थ्यप्रद प्रकृति के हैं।
  3. नकारात्मक पोषक तत्वों का विनियमन: विनियमन को प्रसंस्कृत और अति-प्रसंस्कृत पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी और वसा जैसे नकारात्मक पोषक तत्वों के स्तर को संबोधित करना चाहिए। यदि ये पोषक तत्व निर्दिष्ट सीमा का उल्लंघन करते हैं, तो चेतावनी लेबल लगाए जाने चाहिए। उपभोक्ता भ्रम को रोकने के लिए उत्पाद की स्वस्थता की रेटिंग के लिए सकारात्मक पोषक तत्व शामिल करने से बचना चाहिए।
  4. वैज्ञानिक आधार और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाएँ: नकारात्मक पोषक तत्वों की सीमा का निर्धारण कठोर वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित होना चाहिए और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), या अन्य प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पोषण संस्थानों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा सुझाए गए पोषण दिशानिर्देशों और पोषण प्रोफ़ाइल मॉडल से संदर्भ मांगा जाना चाहिए। पोषण प्रोफ़ाइल मॉडल (एनपीएम) के विकास में स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवाओं और सार्वजनिक पोषण विशेषज्ञों के साथ परामर्श शामिल होना चाहिए।
  5. प्रासंगिक खाद्य पदार्थों के लिए अनिवार्य एफओपीएल: एफओपीएल नियंत्रण विनियमन उन सभी प्रसंस्कृत और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के लिए अनिवार्य होना चाहिए जिनमें तीन नकारात्मक पोषक तत्वों-नमक, चीनी और वसा में से कोई एक या सभी शामिल हों। खाद्य और पेय उद्योग को अपने उत्पादों को नियामक आवश्यकताओं के साथ संरेखित करने के लिए स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवाओं और सार्वजनिक पोषण विशेषज्ञों के परामर्श से निर्धारित एक उचित समय सीमा प्रदान की जाएगी।
  6. स्वास्थ्यप्रद उत्पादों के लिए सकारात्मक कार्रवाई और प्रोत्साहन: विनियमन को न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक सुरक्षात्मक उपाय के रूप में काम करना चाहिए बल्कि स्वस्थ प्रसंस्कृत और अल्ट्रा-प्रसंस्कृत पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के उत्पादन और विनिर्माण को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन, विशेष रूप से राजकोषीय साधन से छोटे और मध्यम आकार के खाद्य निर्माताओं को मदद देना चाहिए।

हम 2024 के आम चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्रों में इन सिफारिशों को शामिल करने की वकालत करते हैं। ऐसा करके, हम सामूहिक रूप से एक स्वस्थ और अधिक जागरूक समाज को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

गांधी संग्रहालय, पटना बिहार

07.02.2024

 

 

 

 

Leave A Comment