वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय के अंतर्गत चित्रकला विभाग के सहायक आचार्य डॉ महेश सिंह द्वारा अहिवासी गैलरी में प्रिंट मेकिंग की डॉट, एवरी मार्क मैटर्स प्रदर्शनी क्यूरेट की गई है। इस भव्य प्रदर्शनी में संकाय के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन देश की प्रख्यात कला विभूतियों कला दीर्घा अंतरराष्ट्रीय दृश्य कलापत्रिका के संपादक डॉ अवधेश मिश्र, नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक अद्वैत गणनायक, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व संकाय प्रमुख, दृश्य कला संकाय प्रो हर्षवर्धन शर्मा एवं कला दीर्घा अंतर्राष्ट्रीय दृश्य कला पत्रिका की सहसंपादक डॉ लीना मिश्र द्वारा किया गया।
इस अवसर पर दृश्य कला संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संकाय प्रमुख प्रो दीप्ति प्रकाश मोहंती, प्रो हीरालाल प्रजापति और कला संकाय के आचार्य प्रदोष मिश्र के साथ ही सहायक आचार्य सुरेश के नायर, ब्रह्म स्वरूप एवं शांति स्वरूप सिन्हा उपस्थित थे। प्रदर्शनी में प्रिंटमेकिंग की जटिल प्रक्रिया के सरलतम और आकर्षक विभिन्न रूपों को प्रस्तुत किया गया है और पारंपरिक प्रविधि से लेकर आधुनिक प्रयोगों तक की विविध तकनीकों को बाखूबी प्रदर्शित किया गया है।
यह प्रदर्शनी 29 मई 2024 तक दर्शकों के अवलोकनार्थ उपलब्ध रहेगी। डॉट, एवरी मार्क मैटर्स प्रदर्शनी प्रिंटमेकिंग अनुशासन की एक विशेष प्रस्तुति है, जिसमें वीडियो इंस्टॉलेशन, विभिन्न सतहों पर साइनोटाइप प्रयोग, वुडकट, एचिंग, ड्राईपॉइंट और अन्य नूतन तकनीकों की ध्यातव्य कृतियां शामिल हैं। प्रदर्शनी में प्रदर्शित छाप अद्वितीय प्रक्रियाओं को उजागर करते हैं और कला के सृजन में प्रत्येक बिंदु और स्ट्रोक के महत्व को अपनी खूबियों के साथ ध्यातव्य बना देते हैं। प्रदर्शनी को देखकर लखनऊ से आए वरिष्ठ कलाकार एवं कला समीक्षक डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छापा कला सदैव अपनी विशिष्टताओं के साथ उपस्थिति रही है और यहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन में आज भी संकाय के सभी विभाग अपनी अपने-अपने क्षेत्र में ऊंचाइयां छू रहे हैं।
ओडिशा से पधारे अद्वैत गणनायक ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए बताया कि यहां के छात्र न कि अधुनातन प्रवृत्तियों से अवगत है बल्कि नित नए प्रयोग भी कर रहे हैं। जम्मू से आए वरिष्ठ कलाकार हर्षवर्धन शर्मा ने कहा काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रयोगशील छात्रों की उपस्थिति राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखी जा सकती है। लखनऊ से आई डॉक्टर लीना मिश्र ने कहा कि इन प्रयोगों का दस्तावेजीकरण करना भी आवश्यक है। प्रदर्शनी के क्यूरेटर डॉ महेश सिंह ने कहा कि छात्रों को सिखाता ही नहीं बल्कि सीखता भी रहता हूं और इनमें प्रयोगशीलता बनाए रखने के लिए निरंतर कलागतिविधियां आयोजित की जाती हैं जिनसे उनका उत्साह बना रहे। दृश्यकला संकाय की संकाय प्रमुख प्रो उत्तमा दीक्षित ने प्रदर्शनी के आयोजन पर युवा कलाकारों को शुभकामनाएं दी हैं।