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वाराणसीः ऊर्जा सम्बंधित पदार्थ और उपकरणों^^ पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (2nd  ICEMD-2024) भौतिकी विभाग (MMV अनुभाग), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन 19 मार्च 2024 को किया गया। वर्तमान युग में, स्मार्टफोन, लैपटॉप, स्मार्ट घड़ियों, स्वास्थ्य गैजेट्स, सैटेलाइट्स इत्यादि के बिना हमारे जीवन मुश्किल है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति के कारण, उच्च ऊर्जा क्षमताओं वाले उपकरणों की मांग तेज गति से बढ़ रही है, इसलिए वर्तमान में उपलब्ध ऊर्जा भंडारण उपकरणों के प्रौद्योगिकी में सुधार की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान सम्मेलन का उद्देश्य ऊर्जा उपकरणों और संबंधित सामग्रियों में नवाचार पर चर्चा करना है ताकि मौजूदा अत्याधुनिक तकनीक के बारे में समझ को अद्यतन किया जा सके और हम बेहतर उपकरणों के लिए योजना बना सकें। fo}kuksa ,oa oSKkfud }kjk इस सम्मेलन में बैटरी@सुपरकैपेसिटर@फ्यूल सेल@माइक्रोबियल फ्यूल@सेल सोलर सेल आदि के क्षेत्र में विकास पर चर्चा gksxh और इन उपकरणों को बेहतर बनाने के लिए भविष्य के रास्ते तलाश fd, tk,axs।

उद्घाटन सत्र की शुरुआत महामना की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। प्रोफेसर रीता सिंह] अध्यक्ष] 2nd ICEMD-2024 और प्राचार्या ¼एम.एम.वी.½ ने विशिष्ट अतिथियों] वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने महिला वक्ताओं और प्रतिभागियों की अच्छी संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त की] क्योंकि यह एम.एम.वी. के fo|kfFkZ;ksa को उन्हें रोल मॉडल के रूप में देखने और एस.टी.ई.एम. के क्षेत्र में अपना स्थान हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित djsxkA

सम्मेलन की संयोजक प्रो. नीलम श्रीवास्तव ने बताया कि सम्मेलन के लिए 133 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 116 ने सार प्रस्तुत किया है।      7 अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं सहित 33 प्रतिष्ठित वक्ताओं ने सम्मेलन में अपनी विशेषज्ञता साझा करना स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि महिला शिक्षा संस्थान होने के नाते आयोजन समिति ने प्रतिष्ठित महिला वैज्ञानिकों से संपर्क करने की कोशिश की ताकि युवा महिला fo|kfFkZ;ksa को एस.टी.ई.एम. में करियर बनाने के लिए प्रेरित gks सके।  4 अंतर्राष्ट्रीय महिला वक्ताओं सहित 10 महिला वक्ता अगले तीन दिनों में अपनी बात रखेंगी।

प्रो. राजेंद्र कुमार सिंह ¼विभागाध्यक्ष, भौतिकी विभाग, विज्ञान संस्थान, बी.एच.यू.½ ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और भौतिकी विभाग की ऊर्जा उपकरणों से संबंधित गतिविधियों और सोडियम बैटरी पर नवीनतम उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी जिन्हें डी एस टी, भारत ने अपने समाचार- विवरण में शामिल करके मान्यता दी । उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में बी.एच.यू. की एक विरासत है और 1980 के दशक से इस क्षेत्र में सक्रिय अनुसंधान किया जा रहा है।

सम्मेलन का उद्घाटन प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पदमश्री प्रोफेसर गणपति डी. यादव, ¼वर्तमान में भारत सरकार के राष्ट्रीय विज्ञान अध्यक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई के पूर्व कुलपति½ ने किया। प्रोफेसर यादव कनाडा के सस्केचेवान विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत होने के साथ साथ, अनुबंधित प्रोफेसर न्यू कैसल विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया; प्रतिष्ठित सहायक प्रोफेसर आई-आई-टी- गुवाहाटी और एस.ओ.ए. विश्वविद्यालय भुवनेश्वर में भी कार्यरत हैं। उन्हें एक शिक्षाविद, शोधकर्ता और प्रर्वतक के रूप में 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त है, जिसमें ग्रीन केमिस्ट्री और इंजीनियरिंग, कैटलिसिस, केमिकल इंजीनियरिंग, एनर्जी इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी, नैनोटेक्नोलॉजी और विकास में, शिक्षा, स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकियाँ, अनुसंधान और नवाचार में उनका मौलिक योगदान शामिल है।

अपने उद्घाटन भाषण में प्रोफेसर यादव ने वैश्विक ऊर्जा के क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया और साथ ही साथ सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइड्रोजन ऊर्जा के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने हाइड्रोजन ऊर्जा को सर्वोत्तम बताया और यह कहा कि यह भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में पूर्ण रूप से सक्षम है। हाइड्रोजन के उत्पादन और संरक्षण के बारे में विश्व में होने वाले अनुसंधान के बारे में बताया। और हाइड्रोजन ऊर्जा के कई प्रकार के बारे में समझाया जैसे नीला हाइड्रोजन, सफेद हाइड्रोजन, ग्रीन हाइड्रोजन इत्यादि के बारे में बताया।
सत्र की समाप्ति पर डॉ. पनीर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

 

 

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