वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के रस शास्त्र विभाग की एमडी छात्रा डॉ. वैशाली गुप्ता ने महिलाओं और पुरुषों दोनों में होने वाली झाइयों के उपचार के लिए एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक ‘तनाशी क्रीम’ विकसित की है। झाइयां या हाइपरपिग्मेंटेशन एक मेडिकल कंडीशन है, इसमें त्वचा पर मेलानिन नाम का पिग्मेंट ज़्यादा बनने लगता है और त्वचा पर उसके सामान्य रंग से गहरे या भूरे रंग के धब्बे दिखने लगते हैं। ये गाल या माथे पर ज़्यादा दिखते है। इस क्रीम को मंजिष्ठा, हरिद्रा, लोध्र जैसे प्राकृतिक घटकों से तैयार किया गया है। उपयोगकर्ताओं से इस तनाशी क्रीम के बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। डॉ. वैशाली द्वारा बनाई गई यह तनाशी क्रीम पूरी तरह से आयुर्वेदिक घटको एवं सिद्धांतों पर आधारित है और इसमें कोई भी ऐसा रासायनिक तत्व नहीं है, जो त्वचा को हानि पहुंचा सके। यह क्रीम हर मंगलवार को सर सुन्दरलाल चिकित्सालय की रस शास्त्र ओपीडी संख्या 11 ब में उपलब्ध रहेगी। तनाशी क्रीम 15 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं-युवतियों को चिकित्सीय परीक्षणों के पश्चात् पात्र पाए जाने पर निःशुल्क दी जाएगी। यह क्रीम डॉ. वैशाली गुप्ता के द्वारा प्रो. आनंद चौधरी के निर्देशन में बनायी गई है।