वारणसीः स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय आपदा प्रबंधन सेल (भारत सरकार) एवं पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में स्किल सेंटर (कौशल केन्द्र), ट्रॉमा सेंटर परिसर में अलग-अलग राज्यों के अस्पताल प्रशासकों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के प्रबंधन पर 3 से 8 मार्च 2025 तक छह दिवसीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुजरात, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा एवं दमन व दीव के वरिष्ठ अधिकारियों जिसमें डिप्टी डायरेक्टर, मेडिकल सुपरिनटेन्डेन्ट, डिप्टी मेडिकल सुपरिनटेन्डेन्ट समेत 37 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

इस छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपदा से पूर्व की स्थिति में कैसे बेहतर तैयारी की जाये एवं सुरक्षित अस्पताल के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही गंभीर मरीजों को आपदा के समय ट्रॉएजिंग कैसे किया जाये के संबंध में भी बताया गया। अस्पताल में भूकंप आने या आग लगने की स्थिति में गंभीर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने व आग पर तुरंत नियंत्रण करने के विषय में भी विस्तार से बताया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान चौकाघाट स्थित एनडीआरएफ सेंटर की फील्ड विजिट भी कराई गई साथ ही साथ ट्रॉमा सेंटर के आपातकालीन (ट्राएज) में आपदा के दौरान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एनडीआरएफ के डीआईजी श्रीमान् मनोज कुमार शर्मा, डॉ. नवीन शर्मा, डॉ. विवेक व डॉ. संतोष 11वीं बटालियन एनडीआरएफ के नेतृत्व में मॉकड्रिल के माध्यम से मेडिकल स्टाफ एवं पैरामेडिकल स्टाफ को Chemical Biological और आपदा के विषय में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सत्र में सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों में मुख्य अतिथि प्रो. एस. एन. शंखवार, निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, सम्मानित अतिथि प्रो. सौरभ सिंह, आचार्य प्रभारी, ट्रॉमा सेंटर की मौजूदगी में स्किल सेंटर (कौशल केन्द्र) के आचार्य प्रभारी प्रो. राजेश मीणा, प्रशिक्षण कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. कविता मीणा ने उक्त प्रशिक्षण के सुचारू निष्पादन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान डॉ. नवीन, डॉ. अच्युत पाण्डेय, डॉ. महेश, डॉ. सरिता, डॉ. अखिलेश, डॉ. विनय कुमार पाठक, डॉ. अवनिजा, मो. रफीक आदि उपस्थित थे।