वाराणसीः आज द्विदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शीर्षक ’पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान और तालाबों का जीर्णोद्धार: एक विमर्ष; नामक विषय पर आयोजित हुआ। जिसका उद्घाटन सत्र समय 10ः30 बजे से प्रारम्भ हुआ, उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. जय प्रकाष लाल, कुलाधिपति, केन्द्रिय विष्वविद्यालय झारखण्ड एवं प्रो. रजनीष कुमार षुक्ला पूर्व कुलपति, महात्मा गॉधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विष्वविद्यालय रहे। विषिष्ट अतिथि श्री राम षरण वर्मा, पद्मश्री रहे। मुख्य वक्ता प्रो. सुधीर कुमार सिंह नेहरू विज्ञान केन्द्र इलाहाबाद विष्वविद्यालय प्रयागराज रहे। अतिथियों का स्वागत प्रो. घनष्याम विभागाध्यक्ष इतिहास विभाग सामाजिक विज्ञान संकाय ने किया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. जे.पी. लाल कुलाधिपति ने तथा मंच संचालन कार्यषाला संयोजक स. प्रो. अषोक कुमार सोनकर ने किया।


विषय की प्रस्तावना प्रो. ए गंगाथरन ने प्रस्तुत किया एवं प्रो. रजनीष षुक्ला ने कहा कि तालाबों, कुण्डों, पोखरों को तभी बचाया जा सकता जब उसे आम जनजीवन में जोड़ेगें। जब तक तालाब, कुण्ड, पोखरा आमजन से जुड़ा रहा तब तक वह सुरक्षित रहा। प्रो. जे.पी. लाल ने जल स्रोत संरक्षण पर अपने व्याख्यान में बल दिया, कार्यक्रम संयोजक स. प्रो. अषोक कुमार सोनकर ने कहा कि ’जल है तो कल है जल स्रोत है तो जल है।’ इसलिए जल स्रोत को बचाने की आवष्यकता है। अन्त में सभी का धन्यवाद प्रो. प्रवेष भारद्धाज इतिहास विभाग ने दिया। उद्घाटन सत्र के उपरांत प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. प्रवेष भारद्धाज, इतिहास विभाग ने किया इस सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. त्रिलोकी पंत, प्रयागराज एवं डॉ. नीरज कुमार सिंह सहायक प्रोफेसर रहे। प्रो. पूनम पाण्डेय ने इस सत्र की सह अध्यक्ष रही। इस सत्र का मंच संचालन डॉ. रवि षेखर सिंह ने किया।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता प्रो. मालविका रंजन इतिहास विभाग ने किया तथा सह अध्यक्ष प्रो. अनुराधा सिंह रही। मुख्य वक्ता डॉं. राजेष षर्मा सहायक प्रोफेसर एवं डॉ. अनिता सिंह रही तथा डॉ. राम कुमार जी ने विषय की प्रस्तावना पर प्रकाष डाला। मंच संचालन डॉ. षषिकान्त यादव सहायक प्रोफेसर डी.ए.वी. पी.जी. कालेज ने किया।
इस अवसर पर विभिन्न विष्वविद्यालय से आये हुए विद्धान एवं षोध छात्र एवं छात्राएॅ आनलाईन एवं आफलाइन दोनों माध्यम से जुडे़ रहे। अन्त में धन्यवाद स. प्रो. अषोक सोनकर
अषोक कुमार सोनकर
संयोजक, राष्ट्रीय कार्यषाला
एवं
सहायक प्रोफेसर, इतिहास विभाग
सामाजिक विज्ञान संकाय, काषी हिन्दू विष्वविद्यालय, वाराणसी-221005