अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. तनुज माथुर द्वारा विकसित पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट डिवाइस को भारत सरकार द्वारा पेटेंट प्रदान किया गया है। यह डिवाइस श्वसन रोगों के निदान और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।








डॉ. माथुर ने बताया कि यह स्मार्ट रेस्पिरेटरी मॉनिटरिंग डिवाइस एक छोटा और पोर्टेबल उपकरण है, जिसे फेफड़ों के कार्य की जांच के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी उन्नत तकनीक श्वसन रोगों का सटीक निदान और निगरानी करने में सक्षम है, जिससे मरीजों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को बेहतर सुविधा मिलती है।
डा. माथुर का कहना है कि यह डिवाइस मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से आसानी से जोड़ा जा सकता है, जिससे मरीज और डॉक्टर वास्तविक समय में परीक्षण के परिणाम देख सकते हैं। यह सुविधा न केवल उपयोग में सरलता प्रदान करती है, बल्कि रोग की प्रगति की निरंतर निगरानी को भी संभव बनाती है, जिससे समय पर अधिक प्रभावी उपचार संभव हो सकेगा।
डॉ. माथुर ने कहा कि इस डिवाइस का कॉम्पैक्ट डिजाइन और नवीनतम तकनीक श्वसन स्वास्थ्य देखभाल को और अधिक प्रभावी बनाएगी तथा फेफड़ों के कार्य परीक्षण को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाएगी।
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प्रो. तमकीन खान ने श्रीलंका में आयोजित डब्ल्यूएचओ-संयोजित पैरेंट राउंडटेबल में भारत का प्रतिनिधित्व किया
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रो. तमकीन खान, जो स्टिलबर्थ सोसाइटी ऑफ इंडिया की संस्थापक सचिव भी हैं, ने कोलंबो में आयोजित इंटरनेशनल स्टिलबर्थ अलायंस के 19वें वार्षिक सम्मेलन में पैरेंट राउंडटेबल सत्र में भाग लिया। यह सत्र इंटरनेशनल स्टिलबर्थ अलायंस द्वारा आयोजित किया गया था और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रायोजित था, जिसमें भारत, इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के विशेषज्ञों ने स्टिलबर्थ शोक देखभाल में सुधार पर चर्चा की।
यूएसएआईडी की थेरेसा शेवर द्वारा संचालित इस चर्चा में शोक संतप्त परिवारों को संवेदनशील सहयोग देने की आवश्यकता और शोक देखभाल प्रथाओं को बेहतर बनाने के लिए वैश्विक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला गया। प्रो. खान ने शोक देखभाल से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को साझा किया और इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की भूमिका केवल चिकित्सा सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मानसिक और भावनात्मक समर्थन देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस सम्मेलन में अपनी भागीदारी के तहत, प्रो. खान ने स्टिलबर्थ से संबंधित दो वैज्ञानिक शोध पत्र भी प्रस्तुत किए, जिससे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर चल रहे विमर्श में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
प्रो. खान ने इस अवसर को एक सम्मानजनक अनुभव बताया और वैश्विक विशेषज्ञों के साथ मिलकर गर्भावस्था हानि से प्रभावित परिवारों की देखभाल में सुधार के प्रयासों को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
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डॉ. तबस्सुम नवाब ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में महिलाओं की शारीरिक गतिविधियों पर लैंगिक बाधाओं को उजागर किया
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डॉ. तबस्सुम नवाब ने ‘अतीत का पुनरावलोकन, भविष्य की ओर दृष्टिः टुवर्ड्स इक्वैलिटी रिपोर्ट के पचास वर्ष’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का आयोजन सेंटर फॉर वीमेन डेवलपमेंट स्टडीज, दिल्ली द्वारा किया गया था।
यह सम्मेलन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित किया गया और इसका उद्देश्य टुवर्ड्स इक्वैलिटी रिपोर्ट की 50वीं वर्षगांठ को चिह्नित करना था। यह रिपोर्ट स्वतंत्र भारत में महिलाओं की स्थिति का पहला व्यापक मूल्यांकन थी।
डॉ. नवाब ने ‘शारीरिक निष्क्रियता और धारित बाधाएँः एक लैंगिक दृष्टिकोण’ विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। यह प्रस्तुति ‘लैंगिक और जीर्ण स्वास्थ्य स्थितियाँ दृ-अंतर्विभागीय अनुभव’ उप-थीम के अंतर्गत थी। उन्होंने अपने अध्ययन में महिलाओं की शारीरिक गतिविधियों पर लैंगिक बाधाओं के गहरे प्रभाव को उजागर किया और इन चुनौतियों को दूर करने के लिए लैंगिक-संवेदनशील नीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने शारीरिक निष्क्रियता को मृत्यु का चैथा प्रमुख कारण और जीर्ण रोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संशोधित जोखिम कारक बताते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों में अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष प्रो. सायरा मेहनाज ने डॉ. नवाब को उनकी प्रभावशाली प्रस्तुति के लिए बधाई दी।
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डॉ. पंकज खराड़े इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी उत्तर प्रदेश राज्य शाखा के अध्यक्ष निर्वाचित
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. जेड.ए. डेंटल कॉलेज के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के शिक्षक डॉ. पंकज खराड़े को इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी उत्तर प्रदेश राज्य शाखा का अध्यक्ष चुना गया है। उनकी नियुक्ति सरदार पटेल डेंटल कॉलेज, लखनऊ में आयोजित तीसरे इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी उत्तर प्रदेश राज्य सम्मेलन के दौरान घोषित की गई।
डॉ. खराड़े इससे पहले इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी उत्तर प्रदेश राज्य शाखा में दो कार्यकाल तक कार्यकारी समिति के सदस्य के रूप में सेवा दे चुके हैं। उनकी समर्पित सेवा और पेशेवर उत्कृष्टता को देखते हुए उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। इसके अतिरिक्त, वह इंडियन प्रोस्थोडॉन्टिक सोसाइटी की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के भी दूसरे कार्यकाल के लिए सदस्य के रूप में कार्यरत हैं।
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एएमयू के के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज में ‘कुरान और पृथ्वी’ विषय पर व्याख्यान आयोजित
अलीगढ़, 7 माचर्ः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज द्वारा ‘कुरान और पृथ्वी’ विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम कुरान एक्सटेंशन लेक्चर सीरीज ‘कुरान में अल्लाह की रचनात्मक विभूतियाँ – एक वैज्ञानिक अध्ययन’ के अंतर्गत आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एएमयू के भूगोल विभाग के डॉ. अहमद मुज्तबा सिद्दीकी ने अपने संबोधन में कुरान में वर्णित पृथ्वी, उसके पारिस्थितिक संतुलन और प्रकृति तथा मानवता के परस्पर संबंध पर प्रकाश डाला।
डॉ. सिद्दीकी ने बताया कि आधुनिक भौगोलिक और पर्यावरणीय अध्ययन कुरान में दी गई स्थिरता, जलवायु पैटर्न और पृथ्वी के संसाधनों के जिम्मेदार उपयोग की अवधारणा से गहराई से मेल खाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रकृति की सुरक्षा और संरक्षण न केवल एक नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि एक दैवीय अमानत भी है, जिसे संजोकर रखना मानव का कर्तव्य है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए के.ए. निजामी सेंटर फॉर कुरानिक स्टडीज के निदेशक प्रो. ए.आर. किदवई ने कहा कि पवित्र कुरान बार-बार इंसान को प्रकृति का अवलोकन करने, उस पर चिंतन करने और उसके संरक्षण का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि कुरान की ज्ञानवाणी और आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के बीच की समानता यह दर्शाती है कि पर्यावरण की देखभाल केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक दैवीय कर्तव्य भी है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. अरशद इकबाल ने किया, जबकि नोमान बदर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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एएमयू गर्ल्स स्कूल ने इंटर-स्कूल चैम्पियनशिप में वॉलीबॉल और बास्केटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) गर्ल्स स्कूल की छात्राओं ने एएमयू इंटर-स्कूल चैम्पियनशिप में शानदार खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए वॉलीबॉल और बास्केटबॉल दोनों स्पर्धाओं में विजय प्राप्त की। यह प्रतियोगिता एएमयू के सीनियर सेकेंडरी स्कूल (गर्ल्स) द्वारा आयोजित की गई थी।
इसके साथ ही, स्कूल की तीन वॉलीबॉल खिलाड़ी स्टेट वॉलीबॉल चैम्पियनशिप में भी शामिल हुईं, जहां उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहम्मद सफीरुद्दीन, एफएलवाई इस्लामिया जूनियर स्कूल के स्वामी, ने बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली पांच छात्राओं को स्मृति चिह्न और प्रत्येक को 1,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में उन्होंने विजेता छात्राओं की मेहनत, समर्पण और खेल भावना की सराहना की। प्रतिष्ठित मुशीर उद्दीन (सलीस) स्पोर्ट्स अवार्ड और नकद पुरस्कार प्राप्त करने वाली छात्राएँ सानिया (कक्षा 12), जैनब (कक्षा 11), अंशु (कक्षा 9 डी), जईमा (कक्षा 9 डी) और अरीबा मलिक (कक्षा 8 डी) रहीं।
कार्यक्रम का आयोजन संचालन प्रधानाचार्या आमना मलिक और उप-प्रधानाचार्या अल्का अग्रवाल की देखरेख में हुआ।
गेम्स सोसाइटी के प्रभारी, मोहम्मद वसीम अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए खेल शिक्षकों अरफीन बानो और मोहम्मद इमरान खान के प्रयासों की सराहना की, जिनके मार्गदर्शन और प्रशिक्षण ने छात्राओं की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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एएमयू के क्लब फॉर शॉर्ट इवनिंग कोर्सेज द्वारा रोजे के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व पर सत्र आयोजित
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र के तहत क्लब फॉर शॉर्ट इवनिंग कोर्सेज ने हाल ही में केनेडी ऑडिटोरियम में ‘पवित्र रमजान माह के दौरान रोजे का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व’ विषय पर एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस्लामी विद्वान और एएमयू के पूर्व छात्र, हजरत अल्लामा अतीफ मियां कादरी अजहरी ने मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने रोजे के गहरे आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला और इसके वैज्ञानिक रूप से सिद्ध स्वास्थ्य लाभों पर भी चर्चा की। सत्र में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने भाग लिया और रोजे के बहुआयामी पहलुओं को समझने की कोशिश की।
कार्यक्रम की शुरुआत क्लब फॉर शॉर्ट इवनिंग कोर्सेज के अध्यक्ष, डॉ. अहमद मुज्तबा सिद्दीकी के स्वागत भाषण से हुई। सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र के समन्वयक, प्रो. मोहम्मद नवेद खान ने सत्र का संचालन किया।
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एसएन हाल की टीम महिला वर्ग की विजेता बनीं
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एसएन हाल की छात्राओं द्वारा इंटर हाल एथलेटिक मीट में महिला वर्ग में चैम्पियनशिप ट्राफी हासिल करने तथा 22 छात्राओं को पद मिलने पर हाल में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।
हाल की प्रोवोस्ट प्रोफेसर अफशां बे विजेता टीम का बधाई देते हुए कहा कि हाल की छात्राओं का चैम्पियनशिप ट्राफी जीतना सभी के लिए गाौरव का क्षण है। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए खेलों में भागेदारी भी आवश्यक है। इस प्रतियोगिता में एसएन हाल की मुस्कान, इकरा, खुशबू, वैशाली, लुबना, दीप्ती, सुमन, भावना, दीक्षा, मोनम, पूनम, मोविका, शिवांगी असफिया और दीपिका ने भाग लिया।
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इकोनॉमिक सोसाइटी द्वारा ‘लोगों में निवेश’ पर पोस्ट बजट वेबिनार की लाइव स्ट्रीमिंग की मेजबानी
अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अर्थशास्त्र विभाग की इकोनॉमिक सोसाइटी द्वारा लोगों में निवेश विषय पर पोस्ट बजट वेबिनार की लाइव स्ट्रीमिंग का आयोजन किया। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संबोधन वाले सत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों, शोध विद्वानों और शिक्षकों ने भाग लिया।
वेबिनार ने क्षेत्र के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग के विशेषज्ञों ने बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की, जो सरकारी नीतियों के प्रभावी निर्माण और कार्यान्वयन में योगदान दे रही है। उन्होंने विशेष रूप से भारतीय भाषा पुस्तक योजना की सराहना की, जिसमें शिक्षण को बढ़ाने, ड्रॉपआउट दरों को कम करने और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने की इसकी क्षमता पर जोर दिया। भारत में भविष्य में विविध और नवीन गतिविधियों का केंद्र बनने की क्षमता है।
अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक प्रो. शहरोज आलम रिजवी ने लोगों में निवेश की थीम की सराहना की और नीति कार्यान्वयन में समावेशिता को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की पहल नागरिकों को सशक्त बनाती है और राष्ट्र को विकसित भारत 2047 की ओर ले जाकर आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है। कार्यक्रम का संयोजन प्रो. शहरोज आलम रिजवी और प्रो. मोहम्मद आजम खान ने किया, जिसमें डॉ. शिरीन रईस सह-संयोजक और प्रतिवेदक थीं। इस अवसर पर आजम खान (प्रभारी, आर्थिक सोसायटी) पूरे सत्र में मौजूद रहे।