Category: आलेख

विश्व रंगमंच दिवसः बाजार द्वारा कला को भी बाजार में खरीदा-बेचा जाने वाला माल बनाए जाने पर व्यक्त की गई चिंता

इंदौरः प्राणी जगत में इंसान ही एकमात्र ऐसा जीव है जो कई भूमिकाओं में रहता है। समय पर व्यक्ति को अपनी अभिनय की भूमिका से बाहर आने की कला आना…

आइए, जानते हैं कि औरंगजेब क्यों महान नहीं था और हिंदू राजाओं का क्या, उनकी भव्यता का क्या?

मुकेश त्यागी समस्त संपदा पर सामाजिक मालिकाना, सभी के लिए सामाजिक श्रम में भागीदारी व हर तरह की पहचान के परे सब के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, खाद्य सुरक्षा, यातायात,…

मुगलों, मराठो, राजपूतों आदि से जुड़ी उस मीडिया-बहसों के निहितार्थ, जिस पर है बड़ी पूँजी का राज

मुकेश त्यागीराज्य या शासन का अर्थ ही शासक तबके के हितों की पूर्ति के लिए दूसरे तबकों का दमन है अर्थात राज्य बुनियादी तौर पर ही एक दमन का औजार…

खाते-पीते दलित आखिर क्यों बने हुए हैं उत्कट भजपइया, क्यों दिखा रहे हैं अंबेडकरवादी पार्टियों को ठेंगा?

मुकेश त्यागी की कलम से (वर्तनी सुधार डीपसीक, लेखक अपनी फेसबुक पोस्ट में ड के नीचे बिंदी लगाना भूल जाते हैं) ‘ओह माई गॉड! दिल्ली से जयपुर 30 मिनट में’बुलेट…

डॉलर की बादशाहत का राज, माननीय संपादक जी की कलम से

आह, सोना!! पूरे 4580 मीट्रिक टन…कर्ज़ की अर्थ व्यवस्था चीन के पास अमेरिकन ट्रेज़री के 768.6 बिलियन डॉलर के बॉन्ड हैं। मतलब चीन अगर कल सारे बॉन्ड काउंटर पर रख…

कहीं भी आओ-जाओ और काम करो, ऐसी व्यवस्था तो सिर्फ समाजवाद ही कर सकता है, बाकी तो लगेगी हथकड़ी

मुकेश त्यागीमोनोपॉली पूंजी के उदय, परजीवी वित्तीय पूंजी के प्रभुत्व और साम्राज्यवादियों द्वारा दुनिया के प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष उपनिवेशों में परस्पर बंटवारे के पहले वीजा पासपोर्ट का कोई सिस्टम नहीं था।…

किसी की संवेदना को समझना और उसे अनुभूत करना भी बड़ी सेवाः प्रो. अंजू श्रीवास्तव

नई दिल्लीः सेवा का अर्थ अत्यंत व्यापक है जिसमें प्रत्यक्ष सहायता के साथ साथ अनेक प्रकार आ जाते हैं। किसी की संवेदना को समझना और उसे अनुभूत करना भी बड़ी…