मिन्टो सर्किल स्कूल के छात्र ने पुस्तक प्रकाशित कर गौरव बढ़ाया
अलीगढ़ 21 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के एसटीएस स्कूल के कक्षा 9 के छात्र मोहम्मद अबुजर ने अपनी पुस्तक क्रेवन क्रॉस एंड द गार्डियंस ऑफ मूनस्टोन के प्रकाशन के साथ अपनी साहित्यिक उपलब्धि के लिए प्रशंसा अर्जित की है।
अबूजर ने अपनी पुस्तक की एक प्रति एसटीएस स्कूल के प्रिंसिपल फैसल नफीस को भेंट की, जिन्होंने उनके समर्पण की सराहना की और उन्हें निरंतर लिखने और अपनी साहित्यिक यात्रा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
लेखन के प्रति अबुजर के जुनून की सराहना करते हुए, फैसल नफीस ने कहा कि उनकी सफलता अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
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एएमयू के निस्वां-वा-कबालात विभाग (प्रसूति एवं स्त्री रोग) द्वारा पीजी स्कॉलर्स के लिए पांच दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम संपन्न
अलीगढ़ 21 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के निस्वां-वा-कबालात विभाग (प्रसूति एवं स्त्री रोग) द्वारा एमएस प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए पांच दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आ योजन किया। आयुष मंत्रालय के भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग के पीजी नियमों के तहत आयोजित इस कार्यक्रम को सैद्धांतिक व्याख्यान, व्यावहारिक प्रदर्शन और मूल्यांकन के साथ सावधानीपूर्वक संरचित किया गया। सत्रों का नेतृत्व विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने किया। डॉ. राबिया रियाज (जराहत विभाग, एआरटीसी एएमयू) ने स्तन कार्सिनोमा निदान और प्रबंधन पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें ऑडियो-विजुअल प्रदर्शन शामिल थे।
डॉ. अबीहा अहमद खान ने छात्रों को केस चर्चा के माध्यम से शामिल करते हुए कोल्पोस्कोपी और बांझपन प्रबंधन पर सत्र प्रस्तुत किए। प्रो. सैयदा आमिना नाज ने बांझपन के उपचार के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया, जबकि डॉ. रोशन परवीन (प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, जेएनएमसी, एएमयू) ने गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की रोकथाम और जांच के बारे में बताया। प्रो. तंजील अहमद (मुआलीजात विभाग) ने स्त्री रोग संबंधी विकारों में यूनानी चिकित्सा की क्षमता पर प्रकाश डाला। डॉ. फहमीदा जीनत ने यूनानी निदान और उपचार सिद्धांतों पर एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया, जिसमें कार्डियोटोकोग्राफी और प्रसवपूर्व भ्रूण निगरानी जैसे व्यावहारिक प्रदर्शन शामिल थे।
प्रो. मोहम्मद अनवर (इलाज बित तदबीर विभाग) ने यूनानी चिकित्सा में अनुसंधान के अवसरों की खोज की। अंतिम दिन, विद्वानों ने सना जमील के मार्गदर्शन में जेएन मेडिकल कॉलेज का दौरा किया, जहाँ उन्होंने लेबर रूम, स्त्री रोग वार्ड, ऑपरेशन थिएटर और गहन देखभाल इकाइयों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। डॉ. निहारिका त्यागी ने कोल्पोस्कोपिक प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. सुबूही मुस्तफा ने की, जबकि डॉ. अबीहा अहमद खान कार्यक्रम की समन्वयक थीं।
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एएमयू वीमेन्स कॉलेज द्वारा वार्षिक पत्रिका का ई-संस्करण जारी
अलीगढ़ 21 फरवरीः संस्थापक दिवस समारोह 2025 के तहत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वीमेन्स कॉलेज द्वारा कॉलेज पत्रिका, खातून का अपना ई-संस्करण जारी किया, जो संस्थान की साहित्यिक और शैक्षणिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। खातून का डिजिटल संस्करण, जिसे मूल रूप से 1905 में शेख अब्दुल्ला ने शुरू किया था, को भी पत्रिका के साथ लॉन्च किया गया।
वीमेन्स कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मसूद अनवर अलवी के संरक्षण में प्रकाशित, पत्रिका, शिक्षक और छात्रों का एक सहयोगी प्रयास, संस्थान की अंतःविषय भावना को दर्शाता है, जिसमें विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और कला सहित विभिन्न शैक्षणिक धाराओं से योगदान शामिल हैं।
अंग्रेजी अनुभाग का मार्गदर्शन सलाहकार बोर्ड के सदस्यों प्रोफेसर नाजिया हसन और डॉ. फौजिया उस्मानी द्वारा किया गया, जिसमें जुनैरा हबीब अल्वी संपादक और मदीहा नाज संयुक्त संपादक थीं।
हिंदी अनुभाग की देखरेख प्रो. रेशमा बेगम और डॉ. शगुफ्ता नियाज ने की, जबकि इशाना परवीन संपादक और मुबशिशरा खातून संयुक्त संपादक थीं। उर्दू अनुभाग के लिए डॉ. गुलाम सरवर खान और डॉ. मोहम्मद हनीफ खान सलाहकार थे। हुमा फिरदोस (संपादक) ने अनुभाग का नेतृत्व किया, जबकि अजरा शमीम संयुक्त संपादक थीं।
पत्रिका का डिजाइन, जिसमें इसका कवर भी शामिल है, मरियम हाशमी और आकृति पुंधीर द्वारा बनाया गया था। पत्रिका को निम्न लिंक के माध्यम से देखा जा सकता है
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एएमयू के भाषा विज्ञान विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा का आयोजन
अलीगढ़ 21 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भाषा विज्ञान विभाग द्वारा भाषाई विविधता और सांस्कृतिक विरासत के महत्व को उजागर करने के लिए निबंध लेखन और नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया।
विभाग के अध्यक्ष मसूद अली बेग ने रचनात्मकता, संचार कौशल और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में मातृभाषा की भूमिका पर जोर दिया। प्रो. शबाना हमीद ने कहा कि कैसे मातृभाषा आलोचनात्मक सोच को पोषित करती है और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करती है। डॉ. सबाहुद्दीन अहमद, डॉ. नाजरीन बी. लस्कर, डॉ. अब्दुल अजीज खान और डॉ. पल्लव विष्णु सहित शिक्षकों ने छात्रों को अपनी मातृभाषा पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित किया और इसे अपनी पहचान का अभिन्न अंग माना।
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एएमयू का गृह विज्ञान विभाग 22 फरवरी को लैंगिक मुख्यधारा और विकसित भारत पर सेमिनार आयोजित करेगा
अलीगढ़, 21 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का गृह विज्ञान विभाग 22 फरवरी को “समावेशी विकास और विकासशील भारत के लिए लैंगिक मुख्यधारा” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करेगा।
सेमिनार की संयोजक और गृह विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सबा खान ने बताया कि उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून, दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी इरविन कॉलेज के विकास संचार और विस्तार विभाग की प्रमुख प्रोफेसर सरिता आनंद, एएमयू के कृषि विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर अकरम अहमद खान, एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान आईपीएस और एएमयू के वित्त अधिकारी प्रोफेसर मोहसिन खान शामिल होंगे।
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एनएचआरसी महासचिव 22 फरवरी को एएमयू में कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे
अलीगढ़, 21 फरवरीः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के महासचिव श्री भरत लाल मानवाधिकारों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे, जिसका विषय “मानवाधिकार जागरूकता को बढ़ावा देनाः भावी नेताओं के लिए एक कार्यशाला” है, जिसका आयोजन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एनएचआरसी, नई दिल्ली के सहयोग से किया जा रहा है।
22 फरवरी को निर्धारित उद्घाटन सत्र सुबह 11 बजे यूनिवर्सिटी ब्वायज पॉलिटेक्निक ऑडिटोरियम में शुरू होगा।
एएमयू की कुलपति, प्रोफेसर नईमा खातून सत्र की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें सीआरपीएफ के महानिदेशक अंशुमान यादव आईपीएस भी शामिल होंगे, यह जानकारी एएमयू के राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम. नफीस अहमद अंसारी ने दी।
डॉ. नगमा फारूकी कार्यशाला की संयोजक हैं।
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वीमेंस कॉलेज में अखिल भारतीय मुशायरे का आयोजन
अलीगढ़, 21 फरवरीः वीमेंस कॉलेज सभ्यता, शालीनता और ज्ञान व साहित्य का केंद्र है। इस संस्थान ने हमेशा से भाषा और साहित्य की सेवा की है, जिसका एक लंबा इतिहास रहा है। यह बातें वीमेंस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर मसूद अनवर अल्वी ने वीमेन्स कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे में स्वागत भाषण देते हुए कहीं।
उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक, साहित्यिक और काव्य परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कविता अभिव्यक्ति का एक सबसे प्रभावी माध्यम है। कविता ने न केवल दिलों को धड़काया है, बल्कि उन्हें गर्माया भी है। सामाजिक स्तर पर इसका बहुत महत्व है। प्रोफेसर मसूद अनवर अलवी ने कहा कि यह मुशायरा सामान्य प्रकार के मुशायरों से अलग है, क्योंकि इसके उद्देश्य अलग हैं। हम कॉलेज में मुशायरे का आयोजन इसलिए भी करते हैं ताकि हमारी छात्राएं इस पुरानी परंपरा से परिचित रहें। मुशायरों की परंपरा ने हमारी साहित्यिक परंपरा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अवसर पर उन्होंने शायरा डॉक्टर जोया जैदी के निधन पर दुख और शोक व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व और कविता के बारे में चर्चा की और श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पूर्व, मुशायरे के अध्यक्ष शमीम तारिक, मुख्य अतिथि अजहर इनायती और प्रिंसिपल प्रोफेसर मसूद अनवर अलवी ने दीप प्रज्वलित करके मुशायरे का शुभारंभ किया।
मुशायरे की औपचारिक शुरुआत अजहर इनायती और सबीहा सुम्बुल की नातिया शायरी से हुई। इस अवसर पर पेश किए गए चुनिंदा शेर पाठकों की रुचि के लिए प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास
कितना दुश्वार है खुद को कोई चेहरा देना
– अजहर इनायती
बहादुरी के जो किस्से सुना रहा है बहुत
महाजे जंग से भागा हुआ एक सिपाही है
– शमीम तारिक
तुम्हारा शहर है, तुम जो कहो बजा है वह
हमारा सिर्फ खुदा है, मगर खुदा है वह
– शहपर रसूल
कुछ नहीं था मेरे पास खोने को
तुम मिले तो डर गया हूँ मैं
– नोमान शौक
बात हो तो यह पूछें आसमान वाले से
इस जमीन पर इतनी आग क्यों बरसती है
– महताब हैदर नकवी
कभी हाल-ए-दिल कहना बेसाख्ता
कभी बस एक टुक उसे देखना
– सैयद सिराजुद्दीन अजमली
लकीर खींच के बैठी है तिशनगी मेरी
बस एक जिद है कि दरिया यहीं पे आएगा
– आलम खुर्शीद
दिल का बस एक तकाजा है कि ऐसा कर लूं
जागती आँखों से मैं नींद का सौदा कर लूं
– सरवर साजिद
जान की कीमत जब पानी पर लिखी गई
प्यास हमारी पेशानी पर लिखी गई
– मुईद रशीदी
हर एक शख््स को दुश्मन अगर बनाओगे
मिजाज पूछने वाला कहाँ से लाओगे
अतहर शकील
हकीकतें तो मेरे रोज ओ शब की साथी हैं
मैं रोज ओ शब की हकीकत बदलना चाहती हूँ
अजरा नकवी
हम अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते
करते हैं अगर कुछ तो दिखावा नहीं करते
मुश्ताक सादिक
ढूँढा उसे तो खुद से मुलाकात हो गई
ऐसा भी इत्तेफाक हुआ है कभी-कभी
राहत हसन
कह रहा है सदियों से ताज का हसीं चेहरा
फन अगर मुकम्मल हो तो बोलती हैं तस्वीरें
सबीहा सुम्बुल
नब्ज-ए-हयात डूबी, आया अर्क जबीं से
कश्ती कहीं पे डूबी, तूफान उठा कहीं से
अजीजा रिजवी
मुशायरे में कॉलेज के अध्यापक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और छात्राओं समेत बड़ी संख्या में अलीगढ़ की महत्वपूर्ण इल्मी शख्िसयतों ने शिरकत की।
मुशायरे का संचालन डॉ. सरवर साजिद और डॉ. शारिक अकील ने संयुक्त रूप से किया।